चुनाव के मैदान में हुई
नेताओं की दौड़
कूदे सभी मैदान मे
अपना घर बार छोड़
अपना घर बार छोड़
सबने मन मे ठानी
किसी भातिं भी हो चाहे
कुर्सी है हथियानी
कुर्सी है हथियानी भाई
नेता है हमको बनना
यही एक कुंजी है जो
बनाये सेठ धन्ना
बनाये सेठ धन्ना
नौकर बंगला गाड़ी दिलवाए
बिन खर्चे ही एक अधेला
देश विदेश की सैर कराये
Thursday, April 23, 2009
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