Thursday, March 26, 2009

दोस्त पुराना याद आया

पैसे चार कमाने निकले ,
तब हमको घर याद आया
बूढी माँ की सुखी खांसी ,
जर्जर हाथों का दुलार आया ,
हर पल रहता साथ जो मेरे ,
दोस्त पुराना याद आया
पैसे चार कमाने निकले ....................
गाँव की वो पगडण्डी टेडी ,
पीपल की छाँव याद आई
बात बात पर भिड़ना यारों से ,
चौपाल गाँव की याद आई
जंगल की वो घनी झारियां,
बहती नदियाँ याद आई
पैसे चार कमाने निकले .........................................
जीवन ख़त्म हुआ जब अपना ,
जीने का तब ढंग आया
पहुंचे मौत की खाई मैं जब ,
तब सोचा की क्या पाया
गैरों ने जब ठुकराया हमको ,
अपनों का प्यार याद आया
पैसे चार कमाने निकले ................................................