Monday, September 14, 2009

भ्रस्ताचार

देश मे भ्रस्टाचार के खिलाफ उठ रही आवाजें जहां एक शुभ संकेत हैं वहीँ देश के उच्च पदों में आसीन लोगों की आवाज इस बात की ओर इशारा करता है कि अब पानी सर के उपर पहुँच चुका है अब आम आदमी को भी इस जंग मे शामिल होना पड़ेगा ओर इस नासूर को दूर करने के लिए भ्रस्टाचार में लिप्त लोगों के लिए फांसी के साथ ही सामाजिक बहिस्कार जैसी सजाएँ भी अमल में लानी होगी आम आदमी को इस जंग के लिए आवाज उठानी होगी भ्रस्टाचार पर रोक को देश के प्रधानमंत्रीमनमोहन सिंह की चिन्ता, प्रधान न्यायाधीश के जी बालाक्रिस्नन के सुझाव कबीले तारीफ़ हैं देश में यह समस्या वर्षों से चली आ रही है किंतु आज तक इसके खिलाफ आवाज उच्च स्तर से नहीं उठाई गई प्रधान न्यायाधीश की चिन्ता व् उनके सुझाव उनकी ईमानदारी के द्योतक हैं यदि मे चोर होऊंगा तो कभी नहीं चाहूँगा की चोरों के खिलाफ कोई कठोर कानून बने मैं हर हाल में उसका विरोध करूँगा इस लडाई में वही शामिल होगा जो ख़ुद भ्रस्टाचार से दूर हो भ्रस्टाचार की इस लडाई में मंत्रियों व् देश का अन्न खाने वाले जनप्रतिनिधियों की परीक्षा भी हो जायेगी की वो देश हित में काम करते ओर सोचते हैं वास्तव में अब समय आ गया है की भ्रस्टाचार में लिप्त अधिकारीयों की संपत्ति जब्त केर उनके खिलाफ कड़ी कारवाही की जाए मैंने ऐसे कर्मचारियों के बारे में सुना व् देखा है जिन्होंने अपनी छोटी सी नौकरी के दम पर करोड़ों की सम्पति खड़ी कर ली इनकी जाँच होनी चाहिए की जिनके पास नौकरी से पहले खाने को रोटी तक नही थी अचानक करोड़ों की सम्पति कहाँ से आ गई वर्तमान में उत्तराखंड में भ्रस्टाचार चरम पर हैं जनता के धन से अधिकारी कोठियां बना रहें हैं ओर जनता भूखी प्यासी तड़प रही है सम विकास के नाम पर आया करोड़ों रुपया अधिकारियो ने डकार लिया ओर विकास कागजों में पूरा कर दिया गया धरातल पर कहीं कुछ नही दीखता बावजूद इसके इन अधिकारीयों पर कोई करवाई न होना बताता है की धन मंत्री विधायको तक भी पहुँचता है इस जंग में न्यायपालिका के समर्थन के बाद अब जनता को खुलकर सामने आना होगा जागो इंडिया जागो वरना भूख प्यास व् असंतुलन के चलते अपने प्राण त्यागो प्रधान न्यायाधीश को कोटि कोटि सलाम ओर जंग में सामिल होने वाले सभी देश प्रेमी नागरिकों को भी प्रणाम जय हिंद

हरीश उप्रेती {करन}

चम्पावत