Tuesday, December 15, 2009

छुपा है क्यों बता दे तू

मेरी दुनिया में जो आया था
तेरा ऐसे ये जाना क्यों ?
मुझे करके यहाँ तन्हा
बता दे तू छुपा है क्यों ?
कहाँ तेरी वो दुनिया है
मुझे भी तो बुला ले तू
बड़ी जालिम ये दुनिया है
ग़मों में मेरे हंसती है
समझ पाया न मैं अब तक
इनके तरकस की चालों को
भुला अब तक न पाया मैं
तेरे बीते ख्यालों को
जहाँ तुझको लगा अपना
वहां मुझको बुला तू
रात के २ बजे हैं और मुझे नींद नहीं आ रही करीब ९.३० से सोने की कोशिश कर रहा हूँ किंतु अचानक मेरे बेटे नानू के ख्यालों ने मेरी आखों से नींद उड़ा दी