Saturday, April 11, 2009

सूनी पड़ी क्यों बस्तियां

उजड़ रहे क्यों गाँव हैं?

शांतवास त्याग क्यों

शहर की ओर पांव है

हर दिशा से उठ रही

क्यों आज ये आवाज है

रोजगार दो हमें कोई रोजगार दो

भूख प्यास से हमें कोई उबार दो